तकरीबन 15 दिन पहले सानिया के शादी के बाद टेनिस से संन्यास लेने की खबर आई थी. सुन कर लगा था की इस पर कुछ बवाल तो होगा, न्यूज़ चंनेल्स पर, सेमिनारों में चर्चाएं तो होंगी ही. आखिर देश की एक बेहतरीन महिला खिलाडी संन्यास लेने की बात कह रही है ये वही सानिया मिर्ज़ा है जिसने कई इस्लामिक फतवों के बाद भी अपना खेल जारी रखा था. पर इस मुद्दे पर चर्चायों की उम्मीद करते वक़्त मैं ये भूल गयी थी की सानिया सिर्फ एक टेनिस खिलाडी नहीं है बल्कि महिला है तो अगर शादी के बाद खेल छोड़ने की बात की जाती है तो ये किसी को भी अजीब नहीं लगता.
असल में किसी लड़की का शादी के बाद करियर त्याग देना हिन्दुस्तानी सभ्यता माना जाता रहा है. इस मसले पर जब ब्लॉग पोस्ट किया तो प्रतिक्रियाएं कुछ ऐसी थी "सानिया ने सही फैसला लिया है एक हिन्दुस्तानी लड़की को यही शोभा देता है". यहाँ तक की कई पढ़ी लिखी महिलाओं ने भी 23 साल की उम्र में ही सानिया के खेल छोड़ने को सही बताया, कुछ लोगों ने कहा की अंतर राष्ट्रीय खेलों के हिसाब से सानिया की उम्र ज्यादा हो गयी है और उन्होंने सही समय पर फैसला ले लिया. पर ये लोग ऐसा कहने से पहले ये भूल गए की यु.एस खिलाडी सरीना विलियम्स 29 की उम्र में टेनिस की दुनिया पर छाई हुई थी. मतलब ये की 23 की उम्र खेल के लिहाज़ से ज्यादा नहीं है. लोग दलील देते हैं की सानिया का करियर डूब रहा है. मतलब ये की अगर आप अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे तो अपने खेल पर मेहनत करने की जगह शादी कर के संन्यास ले लो. .
खैर आज खबर सुनी की सानिया की मंगनी टूट गयी है और इसकी वजह रही सानिया के ससुराल वालो का सानिया पर करियर छोड़ने के लिए दबाव डालना. ज़ाहिर सी बात है जब कोई रिश्ता टूटता है तो दुःख तो होता ही है पर क्या ये तकलीफ इतनी बड़ी होती है की ज़िन्दगी ऐसे शख्स के नाम कर दी जाये जो आपके करियर में, आपकी सफलताओं में बाधा बने ? सानिया ने कमाल का शोट मारा और सोहराब को लाइफ के कोर्ट से बाहर निकाल दिया.
एक मज़बूत फैसले को सलाम...सारी नाराज़गी खत्म, सानिया को बहुत बहुत शुभकामनाएं.दुआ है की उन्हें और सभी लड़कियों को राह में पत्थर बनने वाला नहीं बल्कि ऐसा जीवनसाथी मिले जो मंजिल तक और मंजिल के बाद भी साथ दे.
आपने प्रतिक्रिया को शायद गलत लिया... मैंने कहा था अंतर्राष्ट्रीय स्तर के इस खेल के लिए फिटनेस से लेकर और भी बहुत कुछ की जरुरत होती है... सानिया पर दवाब कहें या लोगों की उम्मीदें दोनों ही बहुत ज्यादा है... और मुझे नहीं लगता कि खेल प्रभावित होगा सिर्फ इसलिए उन्होंने शादी तोड़ी... इतना सीधा नहीं होता है इनके जीवन का स्तर ....
ReplyDeleteये हुई ना बात... सही फैसला सानिया.. इन पुरुषवादी मानसिकता वालों के लिए सबक है ये फैसला.. n thanks Fauziya ji
ReplyDeleteजय हिंद..
sabse pahle to mere blog par comment dene ke liye shukriya... ye khabar main news chanalon par dekh aur sun chuka hun par aapki lekhan shaili achhi lagi... maine bhi aapke blog par pahli baar hi kadam rakha hai...
ReplyDeleteif i m not wrong u r in fm 91.1... ryt?
ReplyDeleteAbhishek jee, she is niot from 91.1
ReplyDeleteAnyway.. Fauziya!! it was great reding you & was also great to see a solid reaction in to your post for people who considered that sania should retire.
Your reaction has a fire, keep it alive!!
Keep writing!!
ABHISHEKJI KE JHAROKHE SE AAP TAK AANA HUA ...SHANDAAR SHOT.
ReplyDeleteमैंने पहली बार किसी लड़की को किसी की मंगनी टुटने पर इतना खुश देखा है. ये सिर्फ इस पोस्ट की बात नहीं है. फौज़िया की निराशा भी हमसब ने देखी थी जब सानिया ने शादी के बाद टेनिस न खेलने का एलान किया था.
ReplyDeleteआखिर सानिया ने वही किया जो उसे करना चाहिए था.
बहुत ही सही फैसला.
फ़ौजिया जी, मैंने पहले भी कहा था कि यह उनका निजी फ़ैसला है, और अब ये जो हुआ है वह भी उनका निजी फ़ैसला ही है…। मैं अपनी इस बात पर अभी भी कायम हूं कि सानिया के खेल जीवन का सर्वोत्तम समय लगभग समाप्त हो चुका… अब जो है वह सिर्फ़ टाइम पास है, लिएण्डर पेस की तरह। शायद डबल्स में वह भूपति के साथ कुछ और वर्ष कामयाब हो जायें, लेकिन सिंगल्स में तो अब मुश्किल ही लगता है।
ReplyDeleteऔर कृपया वीनस विलियम्स से सानिया की तुलना न ही करें, बड़ा अटपटा लगता है… यह ठीक वैसा ही होगा जैसे बोरिस बेकर की तुलना हर्ष मांकड़ से की जाये…
सानिया द्वारा सगाई तोड़ने के इस फ़ैसले को मैं निरपेक्ष भाव से देखता हूं… न खुशी न गम…
Fauziya
ReplyDeleteब्लॉग पर हिम्मत के साथ सच ( सलीके से ) लिखने वाला लेखन कम है.....
आप बधाई की पात्र हैं
शुभकामनायें.
Regarding fauziya ji. maine pehli dafe aap ko pada hai. accha lagi aap ki lekhni. ek sakartmak or nakaratmak pehluo ka sahi dhang se aap ne rakha . badhe. sunder lekhan zari rakhiyega.
ReplyDeletesunil gajjani
http:www.aakharkalash.blogspot.com
फ़ौजिया जी,
ReplyDeleteआपकी शिकायत वाज़िब थी...एक तो मेरी मसरूफियत, ऊपर से ये गलतफहमी, आप बहुत कम लिख रही हैं...बस इसी में मारे गए गुलफ़ाम...आपकी पिछली सब पोस्ट पढ़ी लेकिन कमेंट सिर्फ इसी पर कर रहा हूं...सानिया और सोहराब के लिए...
वो अफ़साना जिसे अंजाम तक पहुंचाना हो मुश्किल.
उसे खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ देना ही अच्छा...
चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों...
जय हिंद...
किसी गाँठ में कभी मत बांधिए
ReplyDeleteतोड़ सकते हैं तो तोड़ दीजिये
लडकी हैं तो मर्यादा है बंधन है
फिजूल की बातें हैं अनसुनी कीजिये
हुक्म बजाती थी चाहे-अनचाहे तब
अब जमाना और है मुंह तोड़ दीजिये
फौजिया, लाख शिकायतों के बावजूद तुम्हारे यही तेवर मुझे पसंद है......|
इस लौ को बजाये रखिये हमें आग लगाने में काम आयेगी
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शुभकामनाएं |
लिखने के खूबसूरत अंदाज़ के लिए मुबारक बाद!!कई पोस्ट पढ़ डाला.गुस्ताखी मुआफ हो-क़सीदा [qisse -kahaanee] और कशीदा[kapde yaa kisi aur kainwaas par sui-dhaage kee pichcheekaaree] .इस फ़र्क़ को अक्सर हम भूल जाते हैं.
ReplyDeletenice
ReplyDeleteagar yahi karan tha saniya ka rishta todne ka to mere khayaal se sahi faisla tha uska.
ReplyDeleteapke articles acchhe lage.
फौजिया, आपके लेखन के तेवर पसंद आये. सानिया का खेल जीवन / प्रदर्शन उच्च स्तर का रहा है और आज भी है. कम से कम टेनिस भारत में बड़ा मुकाम नहीं रखता. यहाँ इस खेल में आज भी बहुत खामियां हैं. खिलाड़ियों की कमी, प्रशिक्षकों की कमी, साधनों की कमी. चूँकि यह खेल भी बहुत महंगा है सो अकेले कुछेक खिलाड़ियों पर जरुरत से ज्यादा बोझ है.
ReplyDeleteसानिया ने हम हिन्दुस्तानियों को विगत कुछ वर्षों में जो तोहफा दिया इसके लिए वे हमेशा सर-आँखों पर बनी रहेंगी. शादी विवाह उनका उनके परिवार का निहायत ही निजी मामला है. इसे खेल से जोड़कर देखना उचित नहीं होगा. वैसे अभी कुछ साल और खेल सकती है, यह खेल ही ऐसा है जहाँ उम्र बढ़ने के साथ प्रदर्शन में कमी आती है. सेरेना विल्लियम्स जैसे खिलाड़ी या रुसी या आस्ट्रेलियन खिलाड़ी जन्म से ही स्पोर्टी होते हैं. यहाँ पर एशियाई थोड़े पीछे रह जाते हैं.
रही बात महिलाओं के ऊपर पुरुष मानसिकता की बढ़त. तो ये तो समस्या है ही, जाते जाते जाएगी. सानिया स्टार हैं तभी तो वे खुलकर प्रतिकार करपायी.
- सुलभ
nice thoughts and perfect writing.... great alfaaz.....keep it up and be in touch... all the best
ReplyDeleteनोट: लखनऊ से बाहर होने की वजह से .... काफी दिनों तक नहीं आ पाया ....माफ़ी चाहता हूँ....
ReplyDeleteachchi post
ReplyDeleteनमस्ते, फौजिया जी...।
ReplyDeleteसबसे पहले तो मेरे ब्लॉग पर टिप्पणी करने के लिए शुक्रिया...। डेली न्यूज के 'खुशबूÓ के तीन फरवरी के अंक में 'ग्रेट शॉट सानियाÓ शीर्षक से छपे एक लेख में आपके विचार पढ़े। जो अच्छे लगे। कट्टरपंथियों और फतवे की परवाह नहीं करने वाली सानिया ने टेनिस को एक बार फिर से चुनकर ग्रेट शॉट खेला है।